Around 15 years ago I met Mr. Young he
was an Agricultural Engineer from Poland.
He was in India
on an official visit for some research. In our colony, sometimes in evening we (I and my friends) had the privilege
to sit with Mr. Young. He was able to communicate in Polish and English as well.
We did not know Polish at all and our English was just okay. One fine day my
friend Navin was also there with us, we were just chatting in a corner of the ground.
As few days back Navin's grandpa passed away so his head was shaved although a
bunch of hair was there. Suddenly, Mr. Young asked Navin – where your hairs
gone and what is this the bunch of hairs. Navin could answer well for the first
query but as he did not know what a shikha is called in English. Neither he
read about it in ‘Parts of Body’ nor his teacher told him about it, so he got
confused. Each one of us tried our level best to convey to Mr. young that its’
a Shikha but he was not understanding it at all. It was very difficult
situation for us – like India’s
Prestige was on stake. Finally, I could come up with an explanation – I said
"According to Hindu Mythology this is antenna of mind." Ohhh… and Mr.
Young understood well. And, we could save India’s prestige…. Hahahahaha…..
मेरा पहला लोक्लाइजेशन, जो काफी सटीक तो नहीं था फिर भी उसने भारत की इज्जत बचाई
तकरीबन 15 साल पहले मैं यंग से मिला वो पोलैंड का
रहनेवाला एक कृषि इंजीनियर था। रिसर्च के सिलसिले में वह भारत में एक ऑफिसियल विजिट पर था। हमारी
कॉलोनी में,
कभी-कभी शाम के समय हमें (मुझे और मेरे दोस्तों) को यंग के साथ बैठने को सौभाग्य प्राप्त था। वह पॉलिश के साथ-साथ अंग्रेजी में भी बात कर सकता था। हम पॉलिश तो एकदम नहीं जानते थे हाँ हमारी अंग्रेजी थोड़ी ठीकठाक थी। एकदिन मेरा दोस्त नवीन भी हमारे साथ था, हम बस खेल के मैदान के एक कोने में बैठे बातचीत कर रहे थे। कुछ दिनों पहले नवीन के दादाजी को देहांत हो गया था जिसकी वजह से उसने सिर मुंडवाया हुआ था यद्यपि बालों का एक गुच्छा (शिखा) अभी भी उसके सर पर मौजूद था। तभी अचानक, यंग ने नवीन से पूछा – तुम्हारे बाल कहां गये ओर ये बालों का गुच्छा क्या है? नवीन पहले सवाल का जवाब तो सही-सही दे पाया पर शिखा को अंग्रेजी में क्या कहते हैं ये उसे पता नहीं था। उसने इसके बारे में ना तो “शरीर के अंग” में पढ़ा था ना ही उसकी टीचर ने उसको बताया था जिसकी वजह से वह उलझ गया। हमसब ने अपनी तरफ से यंग को समझाने की पूरी कोशिश की लेकिन वह कुछ भी समझ नहीं पा रहा था। यह हमारे लिए काफी कठिन स्थिति थी – जैसे कि भारत की इज्जत दांव पर हो। अंतत: मैंने एक स्पष्टिकरण दिया – मैंने कहा “पौराणिक भारतीय विश्वास के अनुसार यह बालों का गुच्छा मस्तिष्क का एंटिना होता है। ओह…. और श्रीमान यंग समझ गये। और, हम भारत की इज्जत बचा पाये… हाहाहाहा…..
कभी-कभी शाम के समय हमें (मुझे और मेरे दोस्तों) को यंग के साथ बैठने को सौभाग्य प्राप्त था। वह पॉलिश के साथ-साथ अंग्रेजी में भी बात कर सकता था। हम पॉलिश तो एकदम नहीं जानते थे हाँ हमारी अंग्रेजी थोड़ी ठीकठाक थी। एकदिन मेरा दोस्त नवीन भी हमारे साथ था, हम बस खेल के मैदान के एक कोने में बैठे बातचीत कर रहे थे। कुछ दिनों पहले नवीन के दादाजी को देहांत हो गया था जिसकी वजह से उसने सिर मुंडवाया हुआ था यद्यपि बालों का एक गुच्छा (शिखा) अभी भी उसके सर पर मौजूद था। तभी अचानक, यंग ने नवीन से पूछा – तुम्हारे बाल कहां गये ओर ये बालों का गुच्छा क्या है? नवीन पहले सवाल का जवाब तो सही-सही दे पाया पर शिखा को अंग्रेजी में क्या कहते हैं ये उसे पता नहीं था। उसने इसके बारे में ना तो “शरीर के अंग” में पढ़ा था ना ही उसकी टीचर ने उसको बताया था जिसकी वजह से वह उलझ गया। हमसब ने अपनी तरफ से यंग को समझाने की पूरी कोशिश की लेकिन वह कुछ भी समझ नहीं पा रहा था। यह हमारे लिए काफी कठिन स्थिति थी – जैसे कि भारत की इज्जत दांव पर हो। अंतत: मैंने एक स्पष्टिकरण दिया – मैंने कहा “पौराणिक भारतीय विश्वास के अनुसार यह बालों का गुच्छा मस्तिष्क का एंटिना होता है। ओह…. और श्रीमान यंग समझ गये। और, हम भारत की इज्जत बचा पाये… हाहाहाहा…..
Nice writing and materilastic example in translation.
ReplyDeleteSudarshan
good one...:)
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